शमन क्या है? शमन दमन से महत्वपूर्ण कैसे? || तत्वबोध पर (2019)

Acharya Prashant

3 min
363 reads
शमन क्या है? शमन दमन से महत्वपूर्ण कैसे? || तत्वबोध पर (2019)

शमः कः? मनो निग्रहः।

शम क्या है? मन के ऊपर नियंत्रण प्राप्त करना ही शम है।

—तत्वबोध, श्लोक ५.३

आचार्य प्रशांत: दमन जो काम स्थूल रूप से करता है, शमन वही काम सूक्ष्म रूप से करता है। दमन का मतलब है यह हाथ लड्डू की ओर बढ़ना चाहता है, यह हाथ नहीं बढ़ेगा और शमन का मतलब है लड्डू के विचार दिमाग में बहुत घूम रहे हैं, हम बलपूर्वक मन से कहेंगे, “अच्छा, भूल गया आज कहाँ जाना था?” और जैसे ही मन को हमने याद दिलाया कि आज कहाँ जाना था, मन लड्डू से हट गया। हाथ को लड्डू से हटाना यदि दम है तो मन को लड्डू से हटाना शम है। कुछ और नहीं है, दोनों साथ-साथ चलते हैं, एक के बिना दूसरा अधूरा है। वास्तव में अगर शम हो जाए तो दम की आवश्यकता कम हो जाएगी।

भूलना नहीं, तुम मन को बलात् सिर्फ़ हटा नहीं सकते हो, मन एक अपूर्णता है जो अगर लड्डू में पूर्णता खोज रही है तो उसे लड्डू चाहिए-ही-चाहिए। अगर तुम चाहते हो कि लड्डू की तरफ़ वह ना भागे तो तुम्हें उसे लड्डू का कोई विकल्प देना होगा, अन्यथा शमन की प्रक्रिया असफल हो जाएगी। तुम यह नहीं कर सकते कि "लड्डू मात्र है और तुझे लड्डू दूँगा भी नहीं।" अगर लड्डू नहीं देना तो उसे दूसरी मिठाई दिखाओ। कोई मिठाई नहीं देनी तो उसको कुछ और दिखाओ। उसको वह दिखाओ जो उसे मिठाइयों से ज़्यादा प्यारा लगे, यह शमन है। कुछ उसको देना होगा।

मन एक ज्वाला है जिसका शमन करना पड़ता है। ज्वाला भी कैसे बुझती है? पानी से। उसे कुछ तुम देते हो, इसी को तो कहते हैं अग्निशमन। तुमने उसे कुछ और दे दिया। पहले वह ज्वाला क्या खाए जा रही थी? हवा, लकड़ी, ऑक्सीजन , तमाम तरह के ज्वलनशील पदार्थ, इनको खा रही थी न वह ज्वाला? तुमने कहा, “तू खाएगी तो है ही, हम तुझे कुछ ऐसा खिला देते हैं जिसे खा करके तू दमित हो जाए।” क्या खिला दिया तुमने उसको? पानी और बालू। “लो खा! खाए बिना तो तू रहेगी नहीं।”

तो मन का भी शमन करते हुए यह ख़्याल रखना कि उससे तुम लड्डू तब तक नहीं छीन सकते जब तक तुमने उसे कुछ और नहीं दे दिया। पानी दे दोगे तो फिर आग लकड़ी और ऑक्सीजन खाना बंद कर देगी। “तू पानी खा।”

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant
Comments
LIVE Sessions
Experience Transformation Everyday from the Convenience of your Home
Live Bhagavad Gita Sessions with Acharya Prashant
Categories