यह सब अय्याशियाँ होती हैं, “मन कर रहा है, मन नहीं कर रहा है, आज दिल तन्हा सा है, उदास सा है।“ यह क्या है? मन गया भाड़ में! इधर काम रखा हुआ है, जो ज़रूरी चीज़ है वह करेंगे न, मन का क्या है!
मनचलों के लिए दुनिया की कोई ऊँची चीज़ नहीं है। गिर गए, फिसल गए, सो गए, ज़्यादा खा लिया, नशा कर लिया, जज़्बात बह निकले; ऐसों के लिए बस ज़िन्दगी की धूल होती है। वेन योर सफरिंग इज़ एट इट्स पीक ऑर वेन द सिचुएशनस आर एट देयर वर्स्ट, दैत इज़ जस्ट द मोमेंट वेन यू शुड नॉट गिव अप, फ़ॉर दैत इज़ जस्ट द मोमेंट वेन द टाइड वुड टर्न (जब आपकी पीड़ा अपने चरम पर होती है, या परिस्थितियाँ बाद-से-बदतर होती हैं, वही मौका है हार ना मानने का, क्योंकि तब ही बाज़ी पलट सकती है)।
जब स्थितियाँ सबसे ख़राब हों तभी सबसे उपयुक्त मौका होता है मैदान ना छोड़ने का, क्योंकि जब स्थितियाँ सबसे खराब होती हैं, वही वह बिंदु होता है जहाँ से अब स्थितियाँ बदलेंगी।