एक साधारण-सी दिखने वाली लड़की हो, स्कूल में या कॉलेज में वो जब पढ़ाई करेगी, ऊँचा स्थान लाएगी, या खेलों में जीतकर दिखाएगी या किसी और क्षेत्र में अपना हुनर दिखाएगी, उसको तब जाकर के कुछ ध्यान, कुछ अटेंशन मिलेगा। और जो सुंदर लड़की होगी वो कुछ नहीं, वो एक नंबर की डम्ब (मूर्ख) हो, कुछ ना आता हो, ज़िंदगी में उसको एकदम किसी तरीके से उसको प्रमोशन कर-करके पास किया जा रहा हो, तब भी उसके पास लोग हमेशा इकट्ठा रहेंगे और उसको लगेगा देखो, “मैं तो बड़ी महत्वपूर्ण हूँ, बड़ी इम्पॉर्टन्ट हूँ, मुझे इतना अटेंशन मिलता है!” जो चीज़ आप को मिलनी चाहिए मेहनत से वो मिलने लग जाती है जिस्म से। अब आप और ज़्यादा, और ज़्यादा शरीर केंद्रित, बॉडी सेंटर्ड हो जाते हो।
और तुम यही सोच रही हो कि सुंदर पैदा होना तो बड़े सौभाग्य की बात है। मैं कह रहा हूँ उसकी सुंदरता को दुर्भाग्य बोल लो, ये ज़्यादा सही है।