लक्ष्य प्राप्त कैसे करें? || नीम लड्डू

Acharya Prashant

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लक्ष्य प्राप्त कैसे करें? || नीम लड्डू

जिनके दिल नहीं टूटते उनके लिए जीवन में कोई प्रगति संभव नहीं है। जो अपनी असफलता को भी चुटकुला बनाए घूमते हैं, जिन्हें लाज ही नहीं आती, उनके लिए जीवन में कोई उन्नति, उत्थान संभव नहीं है।

इंसान ऐसा चाहिए जो लक्ष्य ऊँचा बनाए। और लक्ष्य फिर ना मिले तो एक गहरी पीड़ा, एक गहरी कसक बैठ जाए जीवन में। ताकि दोबारा जब वो लक्ष्य बनाए तो उसे हासिल ना कर पाने की धृष्टता ना कर पाए।

नहीं तो हमने यह बड़ा गंदा रिवाज़ बना लेना है अपने साथ। लक्ष्य बनाओ, मात खाओ, लक्ष्य बनाओ, मात खाओ, लक्ष्य बनाओ, मात खाओ।

और मात क्यों खाओ? इसलिए नहीं कि स्थितियाँ और संयोग प्रतिकूल थे। मात इसलिए खाओ क्योंकि हम आलसी थे। हम में विवेक, श्रम, समर्पण, साधना सब की कमी थी। लक्ष्य बनाओ, मात खाओ, लक्ष्य बनाओ, मात खाओ। और जितनी बार मात खाओ उतनी बार बेशर्म की तरह बस मुस्कुरा जाओ।

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant
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