देसी छाती पर अंग्रेज़ी लात || नीम लड्डू

Acharya Prashant

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देसी छाती पर अंग्रेज़ी लात || नीम लड्डू

हवाई जहाज का टिकट बुक कराना है और आपका नाम है ‘अमित’ तो आपको 'AMIT' ही लिखना होगा। 'अमित' लिखकर आप हवाई जहाज में यात्रा करके दिखा दीजिए।

आप कह दीजिए कि, “'अ मि त' नाम है मेरा”, तो आप हवाई जहाज में यात्रा नहीं कर पाएँगे।

ट्रेवल बुकिंग , होटल बुकिंग की जो वेबसाइट्स होती हैं, उनपर होटल बुक करने की कोशिश करिए। आपका मान लीजिए नाम है, ‘अरिंदम’। आप कोशिश करिए अ रि न् द म। वो सॉफ्टवेयर स्वीकार ही नहीं करेगा। वो अल्गोरिदम स्वीकार ही नहीं करेगा।

अब हिंदी वाला देख रहा है कि, “अगर मैं हिंदी बोलूँगा तो भाई मैं तो प्लेन (हवाई जहाज) पर भी नहीं चढ़ सकता। मैं हिंदी बोलूँगा तो मैं किसी होटल की बुकिंग भी नहीं करा सकता।“ तो उसके मन में अब हिन्दी के लिए कोइ सम्मान बचेगा?

इस भाषा की इज़्ज़त कौन करे जिस भाषा में आप ट्रेन का टिकट नहीं करा सकते, फ्लाइट का टिकट नहीं करा सकते।

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant
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