प्रश्नकर्ता: नमस्कार, आचार्य जी। आचार्य जी, राठोर मुकेंद्र हैं, उन्होंने अपना सवाल भेजा है गुजरात से, वो कह रहे हैं कि यूनिवर्स की जब शुरुआत हुई थी तो एक गड़बड़ हुई थी की एंटी मैटर और मैटर दोनों एक साथ प्रोड्यूस हुए थे और एक इलेक्ट्रॉन और उसका जो एंटी मैटर है पॉजिट्रोन नहीं मिल पाए थे और उस बचे हुए इलेक्ट्रॉन से ही पूरे यूनिवर्स का निर्माण हो गया था और हम सदा के लिए यहाँ कैद हो गए थे। तो क्या ये सब और ये पूरा पूरा उस खोए हुए एंटी मैटर की तलाश में है, जिसके मिलने के बाद ये सब जो हमारी तलाश है वो खत्म हो जाएगी?
आचार्य प्रशांत: अच्छा मैं दे दूँ वो एंटी मैटर, तो आपकी तलाश खत्म हो जाएगी क्या? ये सब इतने रहस्यमयी प्रश्न लगते हैं। यह क्या है जैसे बच्चों के लिए साइंस फिक्शन। ये सारी चर्चा इसलिए थोड़ी हो रही है कि एक इलेक्ट्रॉन बिछुड़ गया था एक पोजिट्रॉन से और शक्तिमान उसको खोज के लाएगा। मृत्यु की बात यहाँ इसलिए हो रही है क्योंकि इंसान के लिए सबसे बड़ा दुख मौत होता है। और अध्यात्म दुख के निवारण के लिए है। इसलिए मौत की बात हो रही है न?
ये इलेक्ट्रॉन पोजिट्रॉन करके आपका दुख दूर होता हो तो कहिए मैं कुछ बोलूँ उसपे फिर। इन चीज़ों से बहुत अच्छा, आज मैंने ये सब कर दिया थोड़ा क़्वांटम थ्योरी वगैरह। इसलिए आप सक्रिय हो गए। मैं इन सबसे बहुत बचता हूँ जहाँ लगता भी है कि यहाँ पर विज्ञान का कोई उदाहरण एकदम समीचीन होगा तो भी उसको दबा देता हूँ थोड़ा।
क्योंकि अहम को अपने अलावा किसी और तरफ देखने का बहाना चाहिए। मैं जैसे ही विज्ञान की बात करना शुरू करूँगा तो आप आत्म अवलोकन करने की जगह विज्ञान अवलोकन शुरू कर देंगे। और एक से एक धुरंधर ज्ञानी निकल आएंगे। ये कोई बहुत गुप्त विद्या थोड़े ही है। ये ग्रेजुएशन स्तर की फिजिक्स है। कोई भी थोड़ी किताबें पढ़ लेगा तो जान जाएगा, खुद की ओर न देखने का बहाना मिल जाएगा।
तो थोड़ा खुद की ओर देखकर बताइए कि मैं आपको इस प्रश्न का उत्तर दे दूँ तो आपकी ज़िन्दगी से दुख हट जाएगा क्या? अगर नहीं हटेगा तो फिर ये प्रश्न बहुत महत्व का नहीं है।
उस दिन क्या बोला था कि कोई भी चीज़ हो उसकी ओर देख के क्या पूछना है? इज़ इट इम्पोर्टेन्ट, अपने सवालों को भी देख कर यही पूछा करिए और इम्पोर्टेंस का क्राइटीरिया मानक क्या है? दुख, जो आपका केंद्रीय दुख है, वो हटता हो तो ठीक है, ऊपर ऊपर का कौतूहल बहुत काम का नहीं होता है। उसके लिए तो गूगल भी चलेगा।