आओ नर्क दिखाएँ || नीम लड्डू

Acharya Prashant

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आओ नर्क दिखाएँ || नीम लड्डू

तुम्हें क्या लगता है नर्क वो जगह है जहाँ बड़े-बड़े कड़ाहों में तेल उबल रहा है और लोग उसमें पकौड़ो की तरह तले जा रहे हैं? ना! नर्क वो जगह है जहाँ सब खूब मेहनत करते हैं, कमाते हैं, खाते हैं और सो जाते हैं। नर्क बड़ी साफ़-सुथरी जगह है भाई। नर्क में बड़े-बड़े आलीशान घर हैं, और नर्क में खूब मेहनती लोग हैं जो जीवन में तरक्की कर रहे हैं। उनकी तरक्की का मापदंड क्या होता है? एक गाड़ी और खरीद ली, एक फैक्ट्री और डाल ली, एक शादी और कर ली। नर्क वो जगह है जहाँ आदमी ने बैल का मुखौटा डाल रखा है। जहाँ आदमी बैल बना घूमता है, उस जगह को कहते हैं नर्क।

जहाँ आदमी की ज़िंदगी का कुल लक्ष्य बस भौतिक तरक्की हो, उस जगह को कहते हैं नर्क।

This article has been created by volunteers of the PrashantAdvait Foundation from transcriptions of sessions by Acharya Prashant.
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