कार्य-कारण || आचार्य प्रशांत, ओशो और श्री रमण पर (2014)
भीतर की ओर मुड़ना ही , आत्मा है।
जब मन भीतर की ओर मुड़ता है , वह घुल जाता है।
~ रमण महर्षि
कार्य को सामने ला दो कारण प्रकट हो जायेगा।
~ ओशो
वक्ता: दो बातें हैं, दोनों को आमने-सामने रखा गया है। रमण कह रहे हैं मन ही… read_more