Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
Gujarat Samachaar22 जून 2024
કબીરને ઓળખવા માટે થોડાક કબીર જેવા હોવું પડે
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Lokdesh22 जून 2024
मांसाहार का जलवायु परिवर्तन से गहरा सम्बन्ध
लोकदेश में प्रकाशित एक लेख में आचार्य प्रशांत ने मांस और डेयरी उपभोग और जलवायु परिवर्तन की समस्या के बीच गहरे संबंध को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार इन उत्पादों का अत्यधिक उपभोग पर्यावरणीय असंतुलन और जलवायु संकट को बढ़ावा देता है। आचार्य प्रशांत ने इस विषय पर जागरूकता फैलाने और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी समझने की आवश्यकता पर बल दिया।
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Patrika22 जून 2024
तुम्हारा रोना स्वार्थ, कबीर का रोना करुणा की अभिव्यक्ति है
आचार्य प्रशांत ने पत्रिका में लिखी अपनी रचना में संत कबीर के जन्मदिन पर विचार करते हुए सवाल उठाया गया है कि क्या कबीर को भी दुःख होता है? क्या कबीर भी रोते हैं? अगर जग ही चुके हैं तो अब दुःख काहे का है? उन्होंने बताया कि कबीर वो हैं जो जग चुके हैं और जीवन मुक्त हैं।
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Dainik Jagran22 जून 2024
दुखिया दास कबीर है जागे और रोए
दैनिक जागरण में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत ने संत कबीर की जयंती पर उनके विचारों को समझाया है। क्या कबीर भी दुःखी होते हैं? उनके जीवन और उनके सिद्धांतों के माध्यम से उनकी अनुभूतियों का वर्णन किया गया है, जो उन्हें जगत से कैसे अलग करती है।
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Dainik Jagran22 जून 2024
जानवरों के साथ हो रही क्रूरता के खिलाफ आवाज़ उठाने की जरुरत
इस लेख में आचार्य प्रशांत ने दैनिक जागरण में जानवरों के साथ हो रही क्रूरता पर बात की है। उन्होंने इसे रोकने के लिए समाज को कैसे सक्रिय होने की आवश्यकता बताई है और जागरण किए जाने की महत्वपूर्णता पर जोर दिया है।
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Times NowJune 21, 2024
Yoga - The Biggest Spiritual Myth of Today
Acharya Prashant critically examines contemporary views on yoga, questioning its commonly held spiritual ideals and exploring its shifting cultural and philosophical significance. His thought-provoking insights offer a fresh perspective on yoga's evolving role in today's world. Read more in this Times Now feature.
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DNA India15 जून 2024
जींस में UPSC का इंटरव्यू देने पहुँचा था शख्स, आगे क्या हुआ?
DNA हिंदी में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत ने अपने UPSC इंटरव्यू में मजेदार किस्सा और उनके अनुभवों को साझा किया है। उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान पाए गए अनुभवों और सफलता के मार्गदर्शन के बारे में चर्चा की है।
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India Today9 जून 2024
Corporate responsibility in the era of climate change challenges and solutions
Acharya Prashant delves into the role of corporate responsibility in addressing climate challenges, stressing the importance of ethical business practices and informed consumer choices. His analysis underscores the need for systemic change to advance sustainability. Explore his insights in this India Today article.
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ABP News8 जून 2024
क्या अयोध्यावासी गद्दार हैं? आचार्य प्रशांत ने बताया 'राम' का अर्थ
इस लेख में आचार्य प्रशांत ने APB Live पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने अयोध्यावासियों के संदर्भ में बात की है और राम के नाम पर अज्ञान और अहंकार के बारे में चर्चा की है। उन्होंने यह भी कहा है कि इसमें दिल टूटने की कोई बात नहीं है। आचार्य प्रशांत ने राम के अर्थ को सत्य के रूप में समझाया।
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THE TIMES OF INDIA31 मई 2024
आचार्य प्रशांत समझाते हैं – क्या बाबासाहेब अंबेडकर को आज के हिंदुओं ने गलत समझा है?
इस लेख में आचार्य प्रशांत ने Times of India में अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने बाबासाहेब अम्बेडकर के विरोध को समझाया है और यह प्रश्न उठाया है कि क्या आज के हिंदू उन्हें गलत समझ रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाबासाहेब अम्बेडकर ने हिंदू धर्म में सुधार लाने के लिए कठोर प्रयास किए, लेकिन निराश होकर अपने जीवन के अंत में बौद्ध धर्म में धर्मांतरण किया।