Media and Public Interaction

Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
आस्तिक कौन? नास्तिक कौन?: स्पीकिंग ट्री ने लिया आचार्य प्रशांत का साक्षात्कार
दैनिक भास्कर
3 दिसंबर 2022

आस्तिक कौन? नास्तिक कौन?: स्पीकिंग ट्री ने लिया आचार्य प्रशांत का साक्षात्कार

"दैनिक भास्कर" में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत का साक्षात्कार शामिल है, जिसमें उन्होंने अस्तित्व और नास्तिकता के मुद्दों पर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने बताया कि सच्चे आध्यात्मिकता में किसी विशेष व्यक्ति या प्रतीक की पूजा नहीं होती, बल्कि स्व-अनुभव और आत्मज्ञान पर जोर दिया जाता है। आचार्य प्रशांत ने समाज में व्याप्त गलत धारणाओं को चुनौती दी और युवाओं को स्वतंत्र और जागरूक सोच अपनाने के लिए प्रेरित किया।
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बस दो विकल्प होते हैं – दुःख या ब्रह्म
दैनिक भास्कर
3 दिसंबर 2022

बस दो विकल्प होते हैं – दुःख या ब्रह्म

दैनिक भास्कर - यह लेख आचार्य प्रशांत की शिक्षाओं के माध्यम से यह दर्शाता है कि दुःख केवल असली इच्छाओं की अप्राप्ति है, और इस ज्ञान के अभाव में मनुष्य दुख भोगता है। लेख में यह बताया गया है कि सतही सुखों से वास्तविक दुःख का समाधान नहीं होता; असली मुक्ति के लिए हमें अपने भीतर के दुःख का सामना करना होगा। अंत में, यह हमें अपने भीतर के दुःख की असलियत को पहचानने और उसे छोड़ने का पाठ पढ़ाता है।
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Acharya Prashant Invited to IIM Nagpur
Business News This Week
November 24, 2022

Acharya Prashant Invited to IIM Nagpur

Acharya Prashant spoke at IIM Nagpur. Hosted by Dr. Bhimaraya Metri, the event focused on overcoming obstacles to live fearlessly and reach one's true potential. Acharya Prashant's profound insights provided students with clarity and courage to pursue meaningful goals. Insights on Fearless Living - Business News This Week
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आप खिलिए, आपका बच्चा स्वत: खिल उठेगा
मयूर संवाद
24 नवंबर 2022

आप खिलिए, आपका बच्चा स्वत: खिल उठेगा

आचार्य प्रशांत ने "मयूर संवाद" में बताया कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए उन्हें उनकी स्वाभाविकता और मौलिकता के साथ बढ़ने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों पर शैक्षिक सफलता का बोझ डालने के बजाय, उनके खेल-कूद और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना जरूरी है। बच्चों को उनके तनाव से मुक्त करने के लिए उन्हें अपनी रुचियों को खोजने और उनके अनुसार बढ़ने का अवसर देना चाहिए।
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Overcoming the fear of failure
THE NEW INDIAN EXPRESS
November 20, 2022

Overcoming the fear of failure

Acharya Prashant discusses the limits of planning, advocating for embracing uncertainty and challenging our deep-rooted fears. He urges readers to rethink their approach to change and live with more courage and authenticity.
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How is spirituality related to one's mental health?
The Hans India
November 20, 2022

How is spirituality related to one's mental health?

Acharya Prashant explores the deep connection between spirituality and mental health, emphasizing the importance of understanding the mind's dualities. He argues that true mental well-being involves transcending the mind's inherent polarities and discovering the unchanging, incorruptible core within oneself.
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अध्यात्म जगत से पलायन में नहीं, जगत में समझदारी से उतरने में है
दैनिक भास्कर
19 नवंबर 2022

अध्यात्म जगत से पलायन में नहीं, जगत में समझदारी से उतरने में है

दैनिक भास्कर के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने दुःख की मूल प्रकृति और उसकी परिभाषा को स्पष्ट किया है। उन्होंने बताया है कि असली कामना की अप्राप्ति ही दुःख है, जबकि नकली सुख क्षणिक होता है। दुःख से मुक्ति के लिए अपने भीतर के दुःख के मूल को पहचानना और उस पर काम करना आवश्यक है।
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व्यक्ति के जीवन को बनाने के साथ बिगाड़ भी सकती हैं ये दो चीजें
जागरण
15 नवंबर 2022

व्यक्ति के जीवन को बनाने के साथ बिगाड़ भी सकती हैं ये दो चीजें

जागरण - जीवन मंत्र: आचार्य प्रशांत के अनुसार, व्यक्ति के जीवन को संवारने और बिगाड़ने में दो चीजें महत्वपूर्ण होती हैं। घर और दफ्तर में बिताया गया समय व्यक्ति की सोच और व्यवहार को प्रभावित करता है। सही संगति और वातावरण का चयन करना आवश्यक है, क्योंकि ये जीवन संवारने में मदद कर सकते हैं।
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मोटिवेशनल स्पीकर्स और गुरुओं का जंजाल
दैनिक भास्कर
12 नवंबर 2022

मोटिवेशनल स्पीकर्स और गुरुओं का जंजाल

दैनिक भास्कर - आचार्य प्रशांत के इस लेख में मन की स्थिति और आंतरिक विकास पर गहरा विमर्श किया गया है। उन्होंने उपनिषदों और वेदांत के महत्व को उजागर करते हुए बताया कि वर्तमान में लोग सतही बातों में उलझे हुए हैं, जबकि वास्तविक आध्यात्मिक ज्ञान की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। आचार्य प्रशांत का यह संदेश है कि आंतरिक विकास के लिए ज्ञान की गहराई में जाना आवश्यक है।
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इंटरनेट के युग में बाज़ार से गायब होती किताबें
स्वतन्त्र चेतना
6 नवंबर 2022

इंटरनेट के युग में बाज़ार से गायब होती किताबें

"स्वतंत्र चेतना" में आचार्य प्रशांत ने इंटरनेट के युग में किताबों की घटती लोकप्रियता पर चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि डिजिटल मीडिया और मनोरंजन के बढ़ते प्रभाव के कारण किताबों की बिक्री में भारी गिरावट आई है। आचार्य प्रशांत ने कहा कि किताबें गहन ज्ञान और आत्म-विश्लेषण के लिए आवश्यक हैं, और उनके बिना समाज में गंभीरता और समझ का अभाव हो सकता है।
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