Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
पंजाब केसरी22 दिसंबर 2022
आचार्य प्रशांत को पेटा ने 2022 'मोस्ट इंफ्लूएंशियल वीगन' अवार्ड से किया सम्मानित
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दैनिक लोकदेश22 दिसंबर 2022
जो गलत है, वो छूटता क्यों नहीं?
इस लेख में आचार्य प्रशांत ने गहराई से विश्लेषण किया है कि क्यों गलत आदतें और विचारधाराएं हमारे जीवन से हटने का नाम नहीं लेतीं। उन्होंने बताया कि गलतियों को पकड़कर रखने का कारण हमारा मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक जकड़न है। लेख में आचार्य प्रशांत ने आत्मनिरीक्षण और आत्मज्ञान के माध्यम से इन गलतियों से मुक्ति पाने के उपाय सुझाए हैं। - Loledg
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India.comDecember 22, 2022
Ananda: Happiness Without Reason | A Book Review
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Speaking Tree22 दिसंबर 2022
क्या “मोटीवेशन” डिप्रेशन की एक बड़ी वज़ह है? देखिए आचार्य प्रशांत के साथ खास बातचीत
स्पीकिंग ट्री के इस लेख में आचार्य प्रशांत की शिक्षाओं के आधार पर जीवन के गहरे अर्थ को उजागर करता है। आचार्य प्रशांत के अनुसार, जीवन में वास्तविकता का अनुभव करने के लिए हमें अपने भीतर के स्व को पहचानने और स्वाभाविकता को अपनाने की आवश्यकता है। जैसे वायु बिना किसी रुकावट के बहती है, हमें भी अपने मन की बंदिशों और सामाजिक दबावों को छोड़कर अपने सच्चे अस्तित्व के साथ जुड़ना चाहिए।
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दैनिक जागरण21 दिसंबर 2022
कोचिंग संस्थानों का मकड़जाल
दैनिक जागरण के इस लेख में आचार्य प्रशांत की शिक्षाओं पर आधारित जीवन के गहरे अर्थ का रहस्य उजागर किया गया है। जानें कैसे आत्म-ज्ञान और स्वाभाविकता से जीवन बदल सकता है! पढ़ें और खोजें।
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दैनिक भास्कर17 दिसंबर 2022
अध्यात्म जीवन जीने की सबसे उत्तम खोज
यह लेख दैनिक भास्कर में आचार्य प्रशांत की शिक्षाओं के अनुसार, अध्यात्म को एक आंतरिक यात्रा के रूप में प्रस्तुत करता है। यह उन लोगों के लिए है जो भौतिकता से संतुष्ट नहीं हैं और जिनमें विवेक, वैराग्य, और मुक्ति की तीव्र इच्छा है। आत्म-जागरूकता के माध्यम से, हम अपने जीवन में गहराई और सच्ची संतोष की खोज कर सकते हैं।
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स्वतंत्र चेतना9 दिसंबर 2022
आचार्य प्रशांत को पेटा ने 2022 मोस्ट इंफ्लूएंशियल वीगनअवार्ड से किया सम्मानित
दिल्ली के राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र ""स्वतंत्र चेतना"" ने रिपोर्ट किया कि आचार्य प्रशांत को पेटा ने 2022 का मोस्ट इन्फ्लुएंशियल वीगन अवार्ड प्रदान किया। उन्हें पशु अधिकारों और कल्याण के लिए उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। उनकी शिक्षाएँ अहिंसा पर आधारित हैं और वे विभिन्न माध्यमों से अपने विचार साझा करते हैं।
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जागरण9 दिसंबर 2022
लालच में होता है धर्म परिवर्तन
"जागरण" अखबार में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत ने धर्म परिवर्तन के पीछे के लालच और वास्तविक कारणों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने डॉ. अंबेडकर और उनके अनुयायियों के उदाहरण से यह समझाने की कोशिश की है कि धर्म परिवर्तन केवल सतही बदलाव नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरे सामाजिक और व्यक्तिगत कारण होते हैं। लेख धर्म परिवर्तन के गहन पहलुओं पर विचार करने की आवश्यकता पर जोर देता है।
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दैनिक लोकदेश9 दिसंबर 2022
आचार्य प्रशांत को पेटा ने 2022 'मोस्ट इंफ्लूएंशियल वीगन' अवार्ड से किया सम्मानित
"दैनिक लोकदेश" में प्रकाशित इस लेख में बताया गया है कि आचार्य प्रशांत को पेटा ने 2022 का 'मोस्ट इन्फ्लुएंशियल वीगन' अवार्ड प्रदान किया। उन्हें पशु अधिकारों, पर्यावरण संरक्षण और अहिंसा पर आधारित उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया है। आचार्य प्रशांत ने इस अवसर पर कहा कि अहिंसा एक सशक्त आध्यात्मिक मार्ग है और उन्होंने शुद्ध शाकाहार को अपनाने की प्रेरणा दी।
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दैनिक भास्कर9 दिसंबर 2022
आचार्य प्रशांत को पेटा ने 2022 'मोस्ट इंफ्लूएंशियल वीगन' अवार्ड से किया सम्मानित
"दैनिक लोकदेश" में प्रकाशित इस लेख में बताया गया है कि आचार्य प्रशांत को पेटा ने 2022 का 'मोस्ट इन्फ्लुएंशियल वीगन' अवार्ड प्रदान किया। उन्हें पशु अधिकारों, पर्यावरण संरक्षण और अहिंसा पर आधारित उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया है। आचार्य प्रशांत ने इस अवसर पर कहा कि अहिंसा एक सशक्त आध्यात्मिक मार्ग है और उन्होंने शाकाहार को अपनाने की प्रेरणा दी।