Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
अमर उजाला22 मार्च 2023
संकल्प शक्ति खोलती है सफलता के नए द्वार
अमर उजाला में प्रकाशित आचार्य प्रशांत के इस लेख में जीवन में लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने की संकल्प शक्ति पर जोर दिया गया है। वह बताते हैं कि संकल्प शक्ति से व्यक्ति अपने प्रयासों को सही दिशा में केंद्रित कर सकता है, जिससे सफलता के द्वार खुलते हैं। इस लेख में उन्होंने संकल्प शक्ति को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की है और बताया है कि कैसे संकल्प शक्ति से जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं।
Full Coverage
राष्ट्रीय सहारा16 मार्च 2023
त्याग: आचार्य प्रशांत
राष्ट्रीय सहारा में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत लिखते हैं त्याग का मतलब है जो कुछ है, उसे पहचान कर उसका त्याग कर देना। सही मायनों में त्याग तिरस्कार नहीं है, वह हमारी जरूरतों से जुड़ा है। भारत में गलत तरीके से त्याग की अवधारणा को समझा गया है। त्याग केवल खाने-पीने का नहीं बल्कि अपने अंदर की गलत सोच और आदतों का भी त्याग करना है। त्याग का सही मतलब तभी समझ में आता है जब हम जीवन के प्रति अपनी सोच को बदलते हैं और सही दिशा में आगे बढ़ते हैं।
Full Coverage
अमर उजाला15 मार्च 2023
दूसरों की सोच को खुद पर न हावी होने दें
अमर उजाला में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत लिखते हैं अपना भला-बुरा सोचने-समझने की शक्ति आपको धीरे-धीरे हर हालात से लड़ना सिखा देती है और इस काबिल बना देती है कि आप दूसरों की परछाई से निकलकर अपने जीवन के अहम निर्णय खुद ले सकें। खुद पर दूसरों की सोच हावी नहीं होने दें और अपनी विचारधारा को स्पष्ट रखें। आलोचनाओं से प्रभावित हुए बिना अपने उद्देश्य की ओर आगे बढ़ें। अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचानकर जीवन में आत्मनिर्भर बनें। आत्मनिर्भरता ही आपकी सच्ची शक्ति है।
Full Coverage
हिंदुस्तान10 मार्च 2023
सही जिंदगी को जीना ही अध्यात्म है: आचार्य प्रशांत
हिन्दूस्तान में प्रकाशित लेख के अनुसार आचार्य प्रशांत ने ऋषिकेश में एक कार्यक्रम में कहा कि जो सदा, सर्वदा, निरलेप, निरंजन, निर्विकार है, उसे ही शाश्वत सत्य कहते हैं। मन को दुःख से मुक्ति मिले यही धर्म है, खुद से आजाद होना ही सनातन है।
Full Coverage
Read PDF
अमर उजाला8 मार्च 2023
हारकर भी जीना और जीतना सीखें
अमर उजाला में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत बताते हैं कि जीवन में हार और जीत के अनुभव कैसे हमारी मानसिकता और जीवन दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं। वह उदाहरण देते हैं कि कैसे इतिहास के कई महान व्यक्तियों ने अपनी हार से सीखा और आगे बढ़े। उनके विचार में, सच्ची जीत वही है जो हमारी आत्मा को मजबूती और मन को शांति प्रदान करे, चाहे परिणाम कुछ भी हो। यह लेख प्रेरणा देता है कि हम हर परिस्थिति में धैर्य और साहस के साथ खड़े रहें।
Full Coverage
दैनिक जागरण5 मार्च 2023
आंतरिक मुक्ति की मार्गदर्शिका
दैनिक जागरण के इस लेख में आचार्य प्रशांत की पुस्तक "मुक्ति" की समीक्षा की गई है। यह पुस्तक व्यक्ति को बाहरी और आंतरिक बाधाओं से मुक्ति दिलाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है। इसमें आत्मज्ञान, आत्मनिरीक्षण, और मानव जीवन के गहन अर्थों पर विस्तृत चर्चा की गई है। आचार्य प्रशांत ने सरल भाषा में गूढ़ विषयों को समझाया है, जो हर व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक उत्थान ला सकती है।
Full Coverage
राष्ट्रीय सहारा2 मार्च 2023
गुरुता: आचार्य प्रशांत
राष्ट्रीय सहारा में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत ने गुरुता पर अपने विचार साझा किए हैं। उनका मानना है कि गुरु को अपने कर्तव्यों का बोध और प्रेम होना चाहिए। यह दोनों ही गुण एक सच्चे गुरु को परिभाषित करते हैं। एक गुरु को जिम्मेदारी के साथ-साथ स्वार्थहीनता का भी उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। गुरु का उद्देश्य अपने शिष्यों को सही दिशा में मार्गदर्शन करना और उन्हें सच्चाई के पथ पर ले जाना है। इस लेख में आचार्य प्रशांत ने गुरुता के महत्व और उसकी विशेषताओं को विस्तार से समझाया है।
Full Coverage
राष्ट्रीय सहारा2 मार्च 2023
अकेलापन: आचार्य प्रशांत
राष्ट्रीय सहारा में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत बताते हैं कि जब तक व्यक्ति दुनिया के सामने रहता है, तब तक वह अपने वास्तविक स्व को नहीं देख पाता। ध्यान का अभ्यास करने से व्यक्ति अपने मन की गहराइयों में उतर सकता है और सच्ची आत्म-प्राप्ति कर सकता है। ध्यान से मन शांत होता है और आत्म-जागरूकता बढ़ती है, जिससे जीवन में शांति और संतुलन आता है। अकेलेपन को आत्मनिरीक्षण का अवसर मानकर अपनाएं, जिससे सच्चे आत्मबोध का अनुभव किया जा सके।
Full Coverage
राष्ट्रीय सहारा23 फ़रवरी 2023
चेतना: आचार्य प्रशांत
राष्ट्रीय सहारा में प्रकाशित इस लेख में आचार्य प्रशांत बताते हैं कि चेतना का हर स्तर हमें खुद के अधिक करीब लाता है। जागृत अवस्था में हम पूरी तरह से सतर्क रहते हैं, सुप्ति में कुछ हद तक अनभिज्ञ, और तुरीय में हम अपने शुद्धतम स्वरूप में होते हैं। यह यात्रा हमें हमारे भीतर की सच्चाई से अवगत कराती है, जिससे जीवन में सच्ची शांति और आनंद का अनुभव होता है।
Full Coverage
स्वतंत्र चेतना22 फ़रवरी 2023
लड़कियों को भी मिले स्वछन्द जीने का हक: आचार्य प्रशांत
स्वतंत्र चेतना के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने लड़कियों के स्वच्छंद जीवन के अधिकार पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे समाज में बदलाव लाकर लड़कियों को समान अवसर और स्वतंत्रता दी जा सकती है। उनके विचारों में महिलाओं को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत है। यह लेख महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों की बात करता है।