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Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
जीवन में सफल होने के लिए
अमर उजाला
30 अगस्त 2023

जीवन में सफल होने के लिए

आज के समय में अनुभव और श्रेष्ठजनों की शिक्षाओं का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। अमर उजाला के इस लेख में आचार्य प्रशांत ने बताया कि यदि हम उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाएं, तो हमें सफलता प्राप्त हो सकती है। श्रेष्ठजनों की सीख हमें सही दिशा में मार्गदर्शन करती है और हमारे जीवन को सफल बनाने में सहायक होती है। उनका मार्गदर्शन हमारे व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन को समृद्ध बना सकता है।
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क्या हम यज्ञ जानते हैं?
दैनिक जागरण
26 अगस्त 2023

क्या हम यज्ञ जानते हैं?

आचार्य प्रशांत ने यज्ञ के वास्तविक अर्थ पर चर्चा करते हुए दैनिक जागरण के इस लेख में बताया कि आज के समय में लोग यज्ञ का सही अर्थ नहीं समझते। यज्ञ का मतलब केवल पूजा-पाठ नहीं है, बल्कि यह आत्मिक और आध्यात्मिक शुद्धि का माध्यम है। यदि हम यज्ञ का सही मतलब नहीं जानते, तो इसका सही लाभ भी नहीं उठा सकते। यज्ञ के सही अर्थ को समझना और उसका पालन करना ही सच्ची भक्ति है।
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समस्याओं का निवारण
दैनिक जागरण
24 अगस्त 2023

समस्याओं का निवारण

आचार्य प्रशांत ने दैनिक जागरण के इस लेख में बताया कि हमारी परेशानियों का समाधान हमारे स्वयं के भीतर है। यदि हम अपनी वास्तविक समस्या को पहचानें और उसे सही तरीके से समझें, तो हम उसका सही समाधान पा सकते हैं। इधर-उधर भटकने और बाहरी उपायों पर निर्भर रहने के बजाय हमें अपने अंदर झांकने और समस्या के मूल कारण को समझने की आवश्यकता है। सच्ची शांति और समाधान तभी मिल सकता है जब हम अपनी समस्याओं का सामना ईमानदारी से करें।
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शिक्षा व्यवस्था
राष्ट्रीय सहारा
17 अगस्त 2023

शिक्षा व्यवस्था

आचार्य प्रशांत ने राष्ट्रीय सहारा के इस लेख में शिक्षा व्यवस्था की खामियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह प्रक्रिया सही दिशा में नहीं चल रही है। बच्चों की मानसिक स्थिति का ध्यान रखे बिना उन्हें ज्ञान देने की कोशिश की जा रही है। हमें बच्चों की शिक्षा में स्वाध्याय और आत्मचिंतन को शामिल करना चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि बच्चों की शिक्षा केवल जानकारी देने तक सीमित न हो, बल्कि उन्हें सही तरीके से सोचने और समझने के योग्य बनाए।
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असली जवानी
राष्ट्रीय सहारा
3 अगस्त 2023

असली जवानी

आचार्य प्रशांत ने असली जवानी का मतलब समझाते हुए राष्ट्रीय सहारा के इस लेख में कहा कि यह केवल शारीरिक अवस्था नहीं है, बल्कि प्रेम, ऊर्जा, उत्साह और सपनों से भरी एक मानसिक और आत्मिक स्थिति है। असली जवानी तब होती है जब हम सच्चाई की ओर आकर्षित होते हैं और अपने आत्म-ज्ञान को पहचानते हैं। यह अवस्था व्यक्ति को जीवन में गहराई और स्थिरता देती है, जिससे वह अपने जीवन का सच्चा आनंद ले सकता है।
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अध्यात्म बिलकुल अलग ही आयाम की बात करता है
दैनिक जागरण
29 जुलाई 2023

अध्यात्म बिलकुल अलग ही आयाम की बात करता है

आचार्य प्रशांत ने दैनिक जागरण के इस लेख में बताया कि अध्यात्म एक अंतिम बिंदु का नाम है, जो सामान्य जीवन से बहुत अलग है। यह आत्म-जागरण और सच्ची समझ की ओर ले जाता है। उन्होंने कहा कि शरीर और इस दुनिया में आना शुभ है, लेकिन असली शांति और खुशी अध्यात्म के माध्यम से ही प्राप्त होती है। अध्यात्म का अर्थ है, अपने सच्चे आत्म को जानना और अपने मूल उद्देश्य को समझना।
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वीगनिज्म
राष्ट्रीय सहारा
27 जुलाई 2023

वीगनिज्म

आचार्य प्रशांत ने वीगनिज्म के आध्यात्मिक आधार पर जोर देते हुए राष्ट्रीय सहारा के इस लेख में कहा कि यदि वीगनिज्म सच्चा है, तो यह आत्मिक विकास का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने बताया कि दूसरे जीवों पर अत्याचार न करना और न्यूनतम हिंसा का पालन करना सच्चे वीगनिज्म का मूल है। इसके माध्यम से व्यक्ति अपने शरीर और आत्मा को शुद्ध रख सकता है, जिससे जीवन में सच्ची शांति और संतुष्टि प्राप्त होती है।
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वासना से ही शरीर का जन्म, फिर वासना गलत कैसे?
IBC 24
26 जुलाई 2023

वासना से ही शरीर का जन्म, फिर वासना गलत कैसे?

IBC24 के इस लेख में आचार्य प्रशांत लिखते है शरीर का जन्म वासना से होता है, और इसे गलत क्यों नहीं माना जाना चाहिए। लेख में तर्क दिया गया है कि आत्मा न तो जन्म लेती है न मरती है, और वासना से उत्पन्न होने वाले शरीर को सही रूप में समझने की आवश्यकता है। आध्यात्मिक दृष्टि से, शरीर को केवल एक वाहन मानना चाहिए, न कि अंतिम सत्य।
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The working professional code
THE NEW INDIAN EXPRESS
July 23, 2023

The working professional code

Acharya Prashant discusses the core elements of professionalism, emphasizing commitment, prioritization, goal clarity, and decision-making. He delves into the importance of aligning work with one's deep needs and the joy derived from the process itself, highlighting the essence of true professional excellence.
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पुनर्जन्म
राष्ट्रीय सहारा
20 जुलाई 2023

पुनर्जन्म

आचार्य प्रशांत ने राष्ट्रीय सहारा के इस लेख में पुनर्जन्म को आत्मिक जागरूकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि सच्चा पुनर्जन्म हमारे जीवन में गहराई से आत्म-जागरूकता प्राप्त करने से होता है। उन्होंने बताया कि हमें अपने कर्म, विचार और आत्मिक उद्देश्य पर ध्यान देना चाहिए ताकि हम अपने वास्तविक स्वरूप को पहचान सकें।
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