Here is the comprehensive list of articles published by prestigious top media houses and renowned national dailies, based on Acharya Prashant's teachings.
News 24October 15, 2023
Israel-Hamas: Unraveling The Role Of Religion In Conflict And Cruelty
Acharya Prashant delves into the causes of conflict and cruelty rooted in religious beliefs, highlighting how personal interpretations and faith differences escalate tensions, using the Israel-Hamas conflict as a case study. He advocates for a deeper, introspective approach to religion that fosters understanding and respect amidst diversity.
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अमर उजाला15 अक्तूबर 2023
इज़रायल-हमास कत्लेआम
आचार्य प्रशांत अमर उजाला में लिखते हैं, धर्म का वास्तविक उद्देश्य होता है इंसान को उसके बंधन से और दुःख से आजाद करना और जब धर्म वास्तविक नहीं होता, आपको आनंद नहीं दे पाता तो आप चिढ़े-चिढ़े घूमते हो क्योंकि सब कुछ पालन करने के बाद भी भीतर से कोई त्रिप्ती शांति मिल नहीं रही होती। ऐसे में कोई आ करके थोड़ा आपको कोच दे, थोड़ा आपके जो भी इष्ट हैं, उनको एक दो चुभती बातें बोल दे तो आप के भीतर तुरंत विस्फोट हो जाएगा, हिंसा ऐसे ही जन्म लेती है।
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NEWS 2415 अक्तूबर 2023
इज़रायल-हमास कत्लेआम का आध्यात्मिक विश्लेषण
कोई भी लड़ाई या क्रूरता हमें यही बताती है कि धर्म एक आम आदमी के लिए उसके किस्से, कहानियों, मान्यताओं का एक पिंड मात्र है। जानें दोनों देशों के बीच छिड़े युद्ध का धार्मिक पहलू आचार्य प्रशांत से News24 के इस विशेष लेख में
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News 24October 7, 2023
How To Get Freedom From Anxiety?
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अमर उजाला7 अक्तूबर 2023
असल संघर्ष मन के विकारों को हटाना है
आचार्य प्रशांत ने अमर उजाला के इस लेख में बताया है कि जीवन का असली संघर्ष बाहरी परिस्थितियों से नहीं, बल्कि हमारे मन के विकारों से है। उन्होंने समझाया कि हमारा मानव जीवन कीमती है और इसे सही दिशा में ले जाने के लिए हमें अपने मन के विकारों को पहचानना और हटाना जरूरी है। लेख में आचार्य प्रशांत ने कहा कि हमारे मन में उठने वाले क्रोध, लालच, ईर्ष्या, और अन्य नकारात्मक भावनाओं को नियंत्रित करना असली संघर्ष है। उन्होंने जोर दिया कि आत्म-चिंतन और आत्म-साक्षात्कार के माध्यम से हम अपने भीतर के इन विकारों से मुक्ति पा सकते हैं और सच्चे अर्थों में आध्यात्मिक जीवन जी सकते हैं।
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News 247 अक्तूबर 2023
World Mental Health Day: जब असफल होने पर आत्महत्या का विचार आए तो…
आचार्य प्रशांत ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर लिखा है कि आज बहुत तेजी से बच्चे और व्यस्क, शिक्षा संबंधी या रोज़गार संबंधी असफलताओं के चलते अवसाद के शिकार बनते जा रहे हैं और फ़िर इसी अवसाद के चलते वे आत्महत्या करने का निर्णय तक ले लेते हैं, जो बहुत चिंताजनक और दुखदाई है।
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राजस्थान पत्रिका4 अक्तूबर 2023
हमारी मुस्कुराहट दूसरों पर निर्भर है
आचार्य प्रशांत ने राजस्थान पत्रिका के अपने लेख में इस बात पर जोर दिया है कि हमारी खुशी और मुस्कुराहट अक्सर दूसरों पर निर्भर हो जाती है। वे सवाल उठाते हैं कि क्या हमारे दुख और खुशी का कारण वास्तव में हमारे अपने भीतर नहीं है? लेख में उन्होंने बताया कि हमें अपनी मुस्कुराहट और खुशी को बाहरी परिस्थितियों और लोगों से मुक्त करना होगा। आत्मनिर्भरता और आंतरिक शांति को बढ़ावा देते हुए, आचार्य प्रशांत ने सुझाया है कि हमें अपने आप से उम्मीदें कम रखनी चाहिए, अपने अंतर्द्वंद्व को बेहतर तरीके से जानना चाहिए और प्रकृति की सुंदरता को अपनाना चाहिए। इस तरह से हम जीवन में सच्ची खुशी और मुस्कुराहट पा सकते हैं।
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अमर उजाला4 अक्तूबर 2023
सरलतम व श्रेष्ठतम मन ही आध्यात्मिक हो सकता है
आचार्य प्रशांत ने अमर उजाला के इस लेख में बताया है कि जीवन में किसी चीज़ से जल्दी प्रभावित होकर पीछे हटने की प्रवृत्ति से बचना चाहिए। उन्होंने समझाया कि जो कार्य हम कर रहे हैं यदि वह स्वाभाविक रूप से महत्वपूर्ण है, तो उसे प्राथमिकता देनी चाहिए। लेख में आचार्य प्रशांत ने जोर दिया कि एक सरल और श्रेष्ठतम मन ही सच्चे आध्यात्मिकता को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि जो लोग भौतिक सुख-सुविधाओं में उलझ जाते हैं, वे सच्चे आध्यात्मिक आनंद से वंचित रह जाते हैं।
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NEWS242 अक्तूबर 2023
A Lesser Known Incident From Mahatma Gandhi’s Life
News24, in a piece by Acharya Prashant, highlights a lesser-known episode where Gandhi, advised by Gopal Krishna Gokhale to observe India for a year, later led the Champaran movement. This underscores the need for preparation and understanding before major actions, relevant to issues like climate change.
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भारत Express1 अक्तूबर 2023
सनातन धर्म के पुनरुद्धार के लिए आचार्य प्रशांत ने 1 अक्टूबर को “वेदांत दिवस” घोषित किया
आचार्य प्रशांत ने सनातन धर्म और वेदांत के महत्व पर जोर देते हुए 1 अक्टूबर को "वेदांत दिवस" घोषित किया। भारत एक्सप्रेस के इस लेख में वेदों और उपनिषदों को धर्म का केंद्र मानते हुए उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को पुनर्जीवित करने का एकमात्र तरीका उच्चतम ग्रंथों की प्रतिष्ठा है। उन्होंने "घर घर उपनिषद" अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य 20 करोड़ घरों तक उपनिषदों को पहुँचाना है। उनका मानना है कि वेदांत की पुनर्प्रतिष्ठा से जीवन का पुनर्प्रतिष्ठा होगा।