जीवनपर्यंत मन किसी नए की तलाश में रहता है। यदि जीवन में कोई उमंग ना हो, कुछ कमी-सी खले या कहीं फँसा-सा महसूस करे तो मन उसका समाधान हमेशा बाहर ही ढूँढता है। पर नया तो आत्मा से ही उपजता है। पहले भीतर कुछ बदलेगा उसके पश्चात ही जीवन बदलेगा। ये दोनों पुस्तकें आपकी पुरानी धारणाओं और ढर्रों को तोड़ने में आपकी मदद करेंगी और आपके जीवन को एक सार्थक दिशा देंगी।