श्रीमद्भगवद्गीता की सुंदरता ही यही है कि वो रणक्षेत्र में कहे गए वचन हैं, जिसमें कृष्ण अर्जुन को उनके कर्तव्य पालन का संदेश दे रहे हैं। श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों को वही अर्थ नहीं दिया जा सकता जैसा सामान्य भाषा दृष्टि से उनका अर्थ निकले, कृष्ण शब्दों और भाषाओं के पार की बात कहते हैं। आचार्य प्रशांत इन दो पुस्तकों — 'श्रीमद्भगवद्गीता - भाग १ और भाग २' में हमें गीता का सही अर्थ समझा रहे हैं, और बता रहें हैं कि हमारे लिए वह कैसे उपयोगी है। भाग १ में प्रथम ९ अध्यायों के श्लोकों की व्याख्या संकलित है और भाग २ में अंतिम ९ अध्यायों के श्लोकों की व्याख्या है। कृपया इन दोनों पुस्तकों की सहायता से गीता के मर्म को समझें और अपने जीवन में कृष्ण का संग पाएँ।
श्रीमद्भगवद्गीता (भाग 1-2) [Most Read]
दो पुस्तकों का कॉम्बो
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Book Details
Language
hindi
Print Length
539
Description
श्रीमद्भगवद्गीता की सुंदरता ही यही है कि वो रणक्षेत्र में कहे गए वचन हैं, जिसमें कृष्ण अर्जुन को उनके कर्तव्य पालन का संदेश दे रहे हैं। श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों को वही अर्थ नहीं दिया जा सकता जैसा सामान्य भाषा दृष्टि से उनका अर्थ निकले, कृष्ण शब्दों और भाषाओं के पार की बात कहते हैं। आचार्य प्रशांत इन दो पुस्तकों — 'श्रीमद्भगवद्गीता - भाग १ और भाग २' में हमें गीता का सही अर्थ समझा रहे हैं, और बता रहें हैं कि हमारे लिए वह कैसे उपयोगी है। भाग १ में प्रथम ९ अध्यायों के श्लोकों की व्याख्या संकलित है और भाग २ में अंतिम ९ अध्यायों के श्लोकों की व्याख्या है। कृपया इन दोनों पुस्तकों की सहायता से गीता के मर्म को समझें और अपने जीवन में कृष्ण का संग पाएँ।